**कंपनी का निगमन (Incorporation of Company) – आसान भाषा में समझें**
1. **कंपनी का प्रकार तय करें (Private या Public)** – सबसे पहले यह डिसाइड करें कि आपको किस तरह की कंपनी बनानी है।
2. **नाम रिज़र्व करें** – एमसीए (MCA) की वेबसाइट पर SPICe+ फॉर्म (INC-32) के जरिए कंपनी का नाम अप्लाई करें।
3. **MOA (Memorandum of Association) और AOA (Articles of Association) ड्राफ्ट करें व साइन करें** – ये दोनों डॉक्युमेंट्स कंपनी के नियमों और उद्देश्यों को डिफाइन करते हैं।
4. **स्टैच्युटरी डिक्लेरेशन (Statutory Declaration) जमा करें** – यह डिक्लेरेशन कंपनी एक्ट के अनुसार सभी कंप्लायंस पूरे होने की पुष्टि करता है।
5. **डायरेक्टर्स की कंसेंट लें** – जो लोग डायरेक्टर बन रहे हैं, उनकी सहमति लेनी होगी।
6. **MOA और AOA को ROC (Registrar of Companies) के पास जमा करें** – ये डॉक्युमेंट्स ROC को दिखाने होंगे।
7. **फीस और स्टाम्प ड्यूटी पे करें** – कंपनी रजिस्ट्रेशन के लिए फीस और स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी।
8. **कंपनी का सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन लें** – ROC सभी डॉक्युमेंट्स चेक करने के बाद सर्टिफिकेट जारी करेगा, जिससे कंपनी लीगल बन जाएगी।
9. **रजिस्टर्ड ऑफिस का एड्रेस डिक्लेयर करें** – कंपनी को अपने रजिस्टर्ड ऑफिस का एड्रेस ROC को बताना होगा।
यह डॉक्यूमेंट **SPICe+ (Simplified Proforma for Incorporating Company Electronically Plus: INC-32)** के बारे में बताता है, जो कंपनी रजिस्ट्रेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
1. **कंपनी रजिस्ट्रेशन** के लिए, **SPICe+ फॉर्म** को **Registrar** के पास फाइल करना होता है, जिसकी ज्यूरिसडिक्शन में कंपनी का **registered office** प्रस्तावित हो।
2. इसे **3 Central Govt. Ministries & Departments** (MCA, Ministry of Labour, और Department of Revenue) द्वारा प्रदान की गई **10 services** के साथ एकीकृत (integrated) किया गया है।
3. यह **Ease of Doing Business** का हिस्सा है, जो **time, cost, और procedures** को कम करता है।
4. **MCA की वेबसाइट** (https://www.mca.gov.in) पर **SPICe+ FAQs** देखे जा सकते हैं।
**Note:** SPICe+ फॉर्म के साथ **निर्धारित फीस (fee)** और अन्य डॉक्यूमेंट्स भी जमा करने होते हैं।
### **Memorandum of Association (MOA) & Articles of Association (AOA) की जानकारी (Hindi-English Mix)**
#### **1. MOA (INC-33) और AOA (INC-34) को साइन करने के नियम:**
- सभी **subscribers** (कंपनी के शुरुआती सदस्य) को इसे **अपने हस्ताक्षर (sign) के साथ** अटेस्ट करवाना होता है।
- **Rule 13 (Companies Incorporation Rules, 2014)** के अनुसार, निम्न प्रक्रिया फॉलो करनी होगी:
#### **2. सब्सक्राइबर्स के प्रकार और उनके साइनिंग प्रोसेस:**
**(a) Individual Subscriber (व्यक्ति द्वारा साइन करना):**
- हर subscriber को अपना **नाम, पता, व्यवसाय (occupation)** लिखना होगा।
- कम से कम **1 witness (गवाह)** की जरूरत होगी, जो उनके सिग्नेचर को अटेस्ट करेगा।
- अगर subscriber **अनपढ़ (illiterate)** है, तो:
- वह **अंगूठे का निशान (thumb impression)** लगाएगा।
- उसके लिए कोई दूसरा व्यक्ति उसका नाम लिखेगा और **सिग्नेचर ऑथेंटिकेट** करेगा।
**(b) Body Corporate (कंपनी/संस्था द्वारा साइन करना):**
- इसे **Board Resolution** द्वारा अधिकृत **Director/Officer/Employee** साइन करेगा।
- यह व्यक्ति **खुद एक subscriber नहीं** हो सकता।
**(c) LLP (Limited Liability Partnership) द्वारा साइन करना:**
- इसे **सभी partners के approval वाले resolution** द्वारा अधिकृत **Partner** साइन करेगा।
**(d) Foreign National (विदेशी नागरिक) के लिए नियम:**
- अगर subscriber **भारत से बाहर रहता है**, तो:
- उसके **सिग्नेचर और पहचान प्रमाण (ID Proof)** को **Notary Public** द्वारा अटेस्ट करवाना होगा।
- अगर वह देश **Commonwealth या Hague Apostille Convention, 1961** का हिस्सा नहीं है, तो **Indian Diplomatic/Consular Officer** द्वारा अटेस्टेशन जरूरी है।
- अगर विदेशी नागरिक **भारत में Business Visa पर आया है**, तो कंपनी इनकॉर्पोरेट कर सकता है।
- **OCI (Overseas Citizen of India) या Person of Indian Origin (PIO)** के लिए **Business Visa की जरूरत नहीं**।
### **Note:**
- **Typed/Printed details** भी मान्य हैं, बशर्ते **सिग्नेचर/थंब इम्प्रेशन** ओरिजिनल हो।
- ये सभी नियम **MCA (Ministry of Corporate Affairs)** के अनुसार हैं।
**Example:** अगर कोई NRI भारत में कंपनी रजिस्टर करना चाहता है, तो OCI होने पर उसे Business Visa की जरूरत नहीं।
### **कंपनी इनकॉर्पोरेशन से जुड़े Compliance & Formalities (Hindi-English Mix)**
#### **1. Declaration of Compliance (INC-8 & INC-9 Forms)**
- **INC-8 Form:**
- यह **Professional (CA, CS, Advocate, Cost Accountant)** या **Director/Manager/Secretary** द्वारा भरा जाता है।
- इसमें **declare** करना होता है कि कंपनी रजिस्ट्रेशन से जुड़े सभी **Act & Rules का पालन** हुआ है।
- **INC-9 Form:**
- **Subscribers (शुरुआती सदस्य)** और **First Directors** द्वारा भरा जाता है।
- इसमें **declare** करना होता है कि:
- सभी दस्तावेज **100% सही और पूर्ण** हैं।
- उन पर **किसी कंपनी के खिलाफ फ्रॉड, दिवालिया या धोखाधड़ी** का आरोप/सजा नहीं है (पिछले 5 सालों में)।
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#### **2. Directors & Subscribers के Particulars (DIR-12 & अन्य Details)**
**(a) First Directors की जानकारी:**
- **नाम, DIN, रेजिडेंशियल एड्रेस, नेशनैलिटी, ID Proof** (जैसे PAN, Passport)।
- **DIR-2 Form:** Director का **Consent Letter** कि वह कंपनी में Director बनने को तैयार है।
- अगर Director किसी **दूसरी कंपनी/Firm में इंटरेस्टेड** है, तो उसकी जानकारी देनी होगी।
**(b) Subscribers (शुरुआती सदस्य) की जानकारी:**
- **नाम, फोटो, माता-पिता का नाम, जन्म तिथि, शिक्षा, Occupation**।
- **पता (Permanent + Present), Email, Phone, PAN**।
- **Address Proof:** बैंक स्टेटमेंट, बिजली बिल (2 महीने से पुराना नहीं)।
- **ID Proof:**
- भारतीय नागरिक: Voter ID, Passport, Driving License, Aadhaar।
- विदेशी/NRI: पासपोर्ट की कॉपी।
**(c) अगर Subscriber एक Body Corporate (कंपनी/LLP) है:**
- **Company/LLP का नाम, CIN, Registered Office Address**।
- **Board Resolution/Partner Resolution** (MOA में साइन करने का अधिकार देने वाला)।
- विदेशी कंपनी हो तो **Certificate of Incorporation** और रजिस्टर्ड ऑफिस का पता।
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#### **3. Special Cases (विशेष मामले)**
- अगर कंपनी का **Object** RBI, SEBI जैसे **Sectoral Regulators** से approval मांगता है (जैसे NBFC, Bank), तो **पहले Approval लेना जरूरी** है।
- **Nidhi Company** के लिए **Section 406 (Central Govt. Approval)** चाहिए।
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#### **4. Certificate of Incorporation (रजिस्ट्रेशन के बाद)**
- **Registrar** सभी दस्तावेज चेक करके **INC-11 Form** में **Certificate of Incorporation** जारी करता है।
- इसमें कंपनी का **PAN** (अगर Income Tax Dept. द्वारा जारी किया गया हो) भी mention होता है।
**Note:** सभी Forms (INC-8, INC-9, DIR-12, आदि) **MCA की वेबसाइट** पर उपलब्ध हैं। गलत जानकारी देने पर **पेनल्टी/कानूनी कार्रवाई** हो सकती है!
**Example:** अगर कोई Director पहले किसी कंपनी में Fraud के केस में फंसा हो, तो वह INC-9 में Declaration नहीं दे सकता।