प्रमोटर क्या होता है?
प्रमोटर वह व्यक्ति होता है जो किसी कंपनी को शुरू करने की प्रक्रिया में शामिल होता है और उसे व्यावसायिक रूप से स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाता है। यह व्यक्ति कंपनी को अस्तित्व में लाने और उसे सफलतापूर्वक संचालित करने में मदद करता है।
प्रमोटर की परिभाषा (Companies Act, 2013 की धारा 2(69))
कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार, प्रमोटर वह व्यक्ति है:
a) जिसे प्रॉस्पेक्टस में प्रमोटर के रूप में नामित किया गया हो, या
b) जिसे कंपनी अपने वार्षिक रिटर्न में प्रमोटर के रूप में पहचानती हो, या
c) जो कंपनी के मामलों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित करता हो, चाहे वह शेयरधारक, निदेशक या किसी अन्य रूप में हो, या
d) जिसके मार्गदर्शन या निर्देशों पर कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स कार्य करने के आदी हों, लेकिन जो केवल एक प्रोफेशनल एडवाइजर (जैसे वकील, तकनीकी विशेषज्ञ) न हो।
प्रमोटर की ज़िम्मेदारियाँ
- कंपनी को प्रारंभ करने और उसे स्थापित करने में सहायता करना
- कंपनी के लिए फंड जुटाना और उसे सुचारू रूप से चलाने के लिए मार्गदर्शन देना
- कंपनी के कानूनी और वित्तीय मामलों में सहायता करना
महत्वपूर्ण तथ्य
- प्रमोटर बनने के लिए कंपनी की शुरुआती स्थापना में शामिल होना जरूरी नहीं है।
- यदि कोई व्यक्ति बाद में कंपनी की पूंजी (capital) को मैनेज करने या उसे आगे बढ़ाने में मदद करता है, तो वह भी प्रमोटर माना जाएगा।
- प्रमोटर की भूमिका फ़िड्यूशियरी (fiduciary) होती है, यानी उसे कंपनी के सर्वोत्तम हित में कार्य करना होता है।
True/False प्रश्न
प्रश्न: प्रमोटर बनने के लिए कंपनी की प्रारंभिक स्थापना में शामिल होना आवश्यक है।
उत्तर: गलत। यदि कोई व्यक्ति बाद में कंपनी को फंड जुटाने या अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों में मदद करता है, तो वह भी प्रमोटर माना जाएगा, बशर्ते वह पेशेवर सलाहकार (जैसे वकील) के रूप में कार्य न कर रहा हो।